मंगलवार, 4 नवंबर 2008

मुसलमान भाइयों को विभिन्न मंत्रालयों की हिन्दी सलाहकार समितियों में सदस्य

गृह राज्य मंत्री श्री शकील अहमद ने सिद्ध् कर दिया है कि वे पहले मुसलमान है और उसके बाद कुछ और ।
श्री शकील अहमद ने भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनी औकात दिखानी शुरू कर दी है , उनके पास राजभाषा विभाग भी दिया गया है और उन्होने सबसे पहले अपने मुसलमान भाइयों को विभिन्न मंत्रालयों की हिन्दी सलाहकार समितियों में सदस्य के रूप में नामित करना शुरू भी कर दिया है ।
सुना है कि कुछ मुसलमान तो ऐसे है जिन्हे हिनदी से कुछ भी लेना देना नहीं है, उन्हे केवल सरकारी खर्च पर एैश करने केलिए हिन्दी सलाहकार समितियों में सदस्य के रूप में नामित किया गया है । विशवस्तसूत्रों से पता चला है कि फोटा जर्नलिसट प्रकार के कुछ चमचों को भी रेल हिनदी सलाहकार समिति में ठूंस दिया गया है , एक मुसलमान तो नन्दूरबार जिले के है जिनहे हिनदी में दस्तखत भी नहीं करने आते । जबकि नियमानुसार यदि सदस्य बने , तो हिनदी की यह दुर्दशा न हो ।

कोई टिप्पणी नहीं: