सोमवार, 18 नवंबर 2013

हिंदी के प्रति दोहरा चरित्र

 एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने एसपी को छोड़कर अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर हिंदी के प्रति दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने संसद में अंग्रेजी में भाषण देने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इटावा हिंदी न्यास की ओर से आयोजित 21वें सारस्वत समारोह में मुलायम ने यह विचार व्यक्त किए। इस मौके पर 'बुलेट राजा' और 'साहब, बीवी और गुलाम' जैसी फिल्मों के निर्माता तिग्मांशु धूलिया समेत 14 हस्तियों को हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया। 
मुलायम ने कहा कि देश के बाकी नेताओं का हिंदी के प्रति दोहरा चरित्र है। वह जनता से वोट तो हिंदी बोलकर मांगते हैं, लेकिन संसद में अंग्रेजी में ही बात करते हैं. इस दोहरे चरित्र से हिन्दी का उत्थान कैसे होगा? उन्होंने कहा कि संसद में अंग्रेजी भाषणों पर रोक लगनी चाहिए। जिन देशों ने अपनी मातृभाषा को सरकारी कामकाज की भाषा बनाया, उन्होंने ज्यादा तरक्की की है। दूसरे देशों में हिंदी के प्रति रुझान बढ़ रहा है जबकि हिंदुस्तानी लोग इससे दूर हो रहे हैं। हालांकि मुलायम ने कहा कि वह अंग्रेजी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें महसूस होता है कि देश के नेता अपनी भाषा हिंदी को ही तवज्जो दें, ताकि संसद में उनकी बात देश की गरीब और पिछड़ी जनता को भी समझ में आए। 
मुलायम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्होंने राज्य लोकसेवा आयोग में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया और विधानसभा में हिंदी भाषा का चलन बढ़ाने के कदम उठाए। समारोह के मुख्य अतिथि कर्नाटक के राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि हिन्दी भाषा का प्रयोग राष्ट्र की एकता के लिए जरूरी है। उन्होंने मंच पर बैठे कई न्यायाधीशों और राजनेताओं से आह्वान किया कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में हिंदी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दें। 

रविवार, 3 नवंबर 2013

शुभकामनायें

आप सभी पाठकों को दीप पर्व की शुभकामनायें