शनिवार, 29 नवंबर 2008

आतंक का मुकाबला करने में धर्म कहीं से आड़े नहीं आता।

मुंबई की आतंकी घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोगों को लग रहा
है कि जिहाद के नाम पर देश को बांटने की साजिश हो रही है। लेकिन फरीदाबाद के सेक्टर 48 में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने यह साबित कर दिया है कि आतंक का मुकाबला करने में धर्म कहीं से आड़े नहीं आता। यह परिवार पिछले तीन दिनों से गौतम के परिजनों को संबल देने का काम कर रहा है। शमशाद का कहना है वह पड़ोसी धर्म का पालन कर रहे हैं। उनका कहना है कि आतंकी का किसी मजहब से वास्ता नहीं होता है। मुंबई में आतंकी हमले में मारे गए स्टूडंट गौतम गुसाईं के घर पर शमसाद अख्तर का परिवार गुरुवार सुबह से ही मौजूद है। ये लोग हर पल की तकलीफों को कम करने में जुटे हैं। इस परिवार ने मजहब को बांटने की कोशिश करने वालों को मेसिज दे दिया है कि वह कुछ भी कर लें अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकते। इस दुख की घड़ी में सेक्टर के लोग भी गुसाईं परिवार का दर्द बांटने के लिए साथ खड़े हैं। शुक्रवार को भी घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी रही। वहां मौजूद हर शख्स की जुबान पर सिर्फ गौतम का ही नाम था। शमसाद अख्तर कहते हैं कि इस दुख की घड़ी में वे गुसाईं परिवार के साथ खड़े हैं। जब उन्होंने गौतम के बारे में खबर सुनी फौरन देव सिंह गुसाईं के घर की तरफ दौड़ पड़े। घर के अंदर जब पहुंचे तो एक तरफ देव बेसुध पड़े थे, तो दूसरी तरफ उनकी पत्नी बदहवाश हालत में घर के अंदर इधर-उधर भटक रही थी। ऐसी हालत में उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। इतने में उनकी पत्नी भी वहां आ गई। इससे उन्हें संभालने का मौका मिला। धीरे-धीरे उन्हें देव सिंह के परिचितों को घटना की जानकारी दी। वह कहते हैं कि उन्होंने मुंबई जाने की भी इच्छा थी, लेकिन कुछ लोगों ने यहां आए बाकी परिवार वालों का ध्यान रखने की बात कहकर रोक लिया।

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