मंगलवार, 28 जुलाई 2015

भावपूर्ण श्रद्धांजलि – शत शत नमन

पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने जिस वक्त आखिरी सांस ली थी, उस वक्त उनके करीबी सहयोगी सृजन पाल सिंह वहीं थे। उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर डॉक्टर कलाम के आखिरी पलों का जिक्र किया है। हम सृजन पाल सिंह की फेसबुक पोस्ट से उन पलों की कहानी आपके सामने रख रहे हैं:
"
हम लेक्चर हॉल में गए। वह लेट नहीं होना चाहते थे। वह हमेशा कहते थे कि छात्रों से इंतजार नहीं करवाया जाना चाहिए। मैंने तुरंत उनका माइक सेट किया, लेक्चर के बारे में थोड़ा ब्रीफ किया और कंप्यूटर संभाल लिया। जैसे ही मैंने उनका माइक सेट किया, वह मुस्कुराए और बोले, 'Funny Guy! सब ठीक है न?'
जब कभी वह Funny guy कहते, इसके कई मतलब निकलते। इसका मतलब इस बात पर निर्भर करता कि उनकी टोन कैसी थी और आपने क्या अंदाजा लगाया। इसका मतलब यह हो सकता है कि तुमने बहुत बढ़िया काम किया और यह भी कि तुमने कुछ गड़बड़ कर दी है। पिछले 6 सालों में मुझे 'Funny guy' का मतलब समझ आना शुरू हो गया था। इस बार इसे समझने का आखिरी मौका था।
'Funny guy!
सब ठीक है?', उन्होंने कहा। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, 'जी हां।' ये उनके कहे आखिरी शब्द थे। मैं उनके पीछे बैठा था। उनके दो मिनट के भाषण के बाद मैंने कुछ महसूस किया कि उन्होंने कुछ ज्यादा ही लंबा ठहराव ले लिया है। जैसे ही मैंने उनकी तरफ नजर उठाई, तभी वह गिर गए।
हमने उन्हें उठाया। डॉक्टर दौड़ता हुआ आया और हमने वह सब कुछ किया, जो कर सकते थे। मैं उनकी बिल्कुल थोड़ी सी खुली आंखों का वह मंजर नहीं भूल सकता। एक हाथ से मैंने उनका सिर पकड़ा था। उनका हाथ मेरी उंगली पर भिंचा हुआ था। उनके चेहरे पर स्थितरता थी और उनकी उन खामोश आंखों से मानो ज्ञान की आभा बिखर रही थी।
उन्होंने कुछ नहीं कहा। उनके चेहरे पर दर्द का भी नामो-निशान तक नहीं था। पांच मिनट के अंदर हम नजदीकी अस्पताल में थे। कुछ ही मिनटों में उन्होंने हमें बताया कि मिसाइल मैन ने उड़ान भर ली है, हमेशा के लिए। मैंने आखिरी बार उनके चरण स्पर्श किए। अलविदा बुजुर्ग दोस्त! महान परमार्शदाता! विचारों में दर्शन करूंगा और अगले जन्म में मुलाकात।"


हमारी ओर से उस महान हस्ती को भावपूर्ण श्रद्धांजलि – शत शत नमन 

मंगलवार, 21 जुलाई 2015

दो भाषाएं सीखें

अगर आप अपना दिमाग तेज करना चाहते हैं, तो दो भाषाएं सीखें, क्योंकि एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि दो भाषा सीखने वालों का दिमाग अन्य की तुलना में तेज होता है।
ऐसा मस्तिष्क के कार्यकारी नियंत्रण क्षेत्र में ग्रे मैटर के अधिक जमाव के कारण होता है। इससे पहले माना जाता था कि दो भाषा सीखने से बच्चों में भाषा के विकास में विलंब होता है, क्योंकि इसके लिए उन्हें दो शब्दावलियों को विकसित करना पड़ता है।
शोध के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिकन साइन लैंग्वेज (एएसएल) व स्पोकन इंग्लिश के द्विभाषियों तथा एक भाषा के जानकारों के ग्रे मैटर के बीच तुलना की।
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (जीयूएमसी) में सेंटर ऑफ लर्निंग के डायरेक्टर ग्विनेवेयर इडेन ने कहा, 'एक भाषा बोलने वालों की तुलना में दो भाषाओं का अनुभव तथा उनका सही तरीके से इस्तेमाल करने के दिमाग में कुछ अलग बदलाव आते हैं।'
शोधकर्ताओं ने दो भाषा तथा एक भाषा बोलने वालों के ग्रे मैटर के बीच तुलना की। दो भाषा बोलने वालों के मस्तिष्क के फ्रंटल व पैराइटल क्षेत्रों में ज्यादा ग्रे मैटर पाए गए, जो मस्तिष्क के कार्यकारी नियंत्रण में शामिल हैं।

गुरुवार, 9 जुलाई 2015

आंय!

अंग्रेजी में: I am sorry. Unable to listen you properly. can you repeat the matter? 

इतनी बड़ी बात करने के लिए हम हिन्दी में बस एक शब्द बोलते हैं और सामने वाला समझ भी जाता है। 

आंय!