सोमवार, 24 नवंबर 2008

'हिंदू आतंकवाद' का नारा देकर कांग्रेस खतरनाक राजनीति कर रही है।

आरएसएस के सरसंघचालक के. सी. सुदर्शन ने मनमोहन सिंह सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि लोकसभा चुना
व के पहले 'हिंदू आतंकवाद' का नारा देकर कांग्रेस खतरनाक राजनीति कर रही है। संघ के एक कार्यक्रम में भाग लेने आए सुदर्शन ने रविवार को लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि हिंदू आतंकवाद का कोई मतलब नहीं है। यह शब्द सिर्फ बहुसंख्यकों के खिलाफ एक षडयंत्र मात्र है। लोकसभा का चुनाव नजदीक है। केंद्र सरकार ने आम जनता के लिए कुछ नहीं किया है, इसलिए अब वह लोगों का ध्यान बंटाने के लिए हिंदू आतंकवाद का मसला उछाल रही है। आतंकवाद का धर्म से कोई रिश्ता नहीं। आतंकवादी न हिंदू होते हैं और न मुस्लिम या ईसाई। वे अमानवीय कृत्य करने वाले होते हैं। उनका काम केवल निर्दोषों को मारना होता है। सुदर्शन ने देश में बहुसंख्यकों की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। बगैर किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि अमरनाथ श्राइनबोर्ड के जमीन मामले में चले आंदोलन ने हिंदुओं और राष्ट्रवादियों का मान बढ़ाया। जम्मू में हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर इस मामले को उठाया था। उन्होंने आगे कहा कि अपने देश की परिवारिक संरचना ने दुनिया में चल रही आर्थिक मंदी के कुप्रभाव से हमें बचा लिया है। पर साथ ही, अमेरिका को 56 हजार करोड़ रुपये देने के लिए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। ग्रामीण विकास के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को इसकी चिंता थी, पर जवाहर लाल नेहरू द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदमों ने देश के सामने आज कई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। ग्रामीण विकास को लेकर नेहरू की नीतियां ठीक नहीं थीं और इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का समुचित विकास नहीं हो सका। नेहरू ने तब दलील दी थी कि पश्चिमी देशों से प्रतिस्पर्द्धा के लिए औद्योगिकीकरण जरूरी है और ग्रामीण विकास के बजाय उन्होंने बडे़ उद्योगों की स्थापना पर ज्यादा जोर दिया है।

मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी बनाए गए लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को शिवसेन
ा अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि हालांकि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है लेकिन अगर उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। माना जा रहा है कि मराठी बनाम बाहरी के मुद्दे पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से पिछड़ती दिख रही शिवसेना को लगता है कि पुरोहित को उम्मीदवार बनाए जाने से उसकी हिंदुत्ववादी पार्टी की छवि और मजबूत होगी। शिवसेना शुरू से ही मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों का खुलकर बचाव करती रही है। हाल ही में पार्टी ने जनहित याचिका दायर करके मालेगांव ब्लास्ट की जांच एटीएस से वापस लेकर सीआईडी को सौंपे जाने की मांग की है। इसके अलावा नासिक कोर्ट में आरोपियों की पेश के दौरान भी शिवसेना के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद थे और पुरोहित व साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में नारे लगा रहे थे। शिवसेना रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को भी टिकट देने पर विचार कर रही है। ख्वाजा युनूस की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में आरोपी सचिन वाजे ने पिछले महीने शिवसेना जॉइन कर ली थी।

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