बुधवार, 15 जनवरी 2014

सरकार ने हिंदी अकादमी का नया उपाध्यक्ष चुन लिया

क्या आम आदमी पार्टी की सरकार ने हिंदी अकादमी का नया उपाध्यक्ष चुन लिया है? गणतंत्र दिवस कवि सम्मेलन के इन्विटेशन कार्ड में कवि और आम आदमी पार्टी नेता कुमार विश्वास का नाम है। कार्ड में सान्निध्य में कुमार का नाम है। हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर के मुताबिक, अब तक उपाध्यक्ष होने के नाते सान्निध्य में मेरा नाम जाया करता था। इन्विटेशन कार्ड देखकर यही लग रहा है कि अब मैं उपाध्यक्ष नहीं हूं और नई सरकार ने किसी और को इस जगह पर चुन लिया है।
हालांकि, कुमार विश्वास ने खुद को हिंदी अकादमी का हिस्सा होने से इनकार किया है। एनबीटी से उन्होंने कहा कि पहले मुझे कवि के तौर पर कविता पाठ करने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन मैंने मना कर दिया और कहा कि सरकारी मंच से कविता नहीं पढ़ूंगा और न ही सरकार से पैसा लूंगा। फिर उन्होंने मुझे श्रोता की तरह बुलाया। मैं पहली बार वहां जा रहा हूं।
16 जनवरी को यानी कल हिंदी अकादमी की ओर से लाल किले के पास पार्क में गणतंत्र दिवस कवि सम्मेलन होना है। हिंदी अकादमी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। कार्ड में आमंत्रित कवियों के नाम के अलावा मुख्य अतिथि राखी बिड़ला, अध्यक्षता गोपाल दास नीरज के नाम और सान्निध्य कुमार विश्वास लिखा गया है।
अकादमी के उपाध्यक्ष अशोक चक्रधर ने एनबीटी से बातचीत में कहा, 'मैंने 28 दिसंबर को नए सीएम अरविंद केजरीवाल को पत्र और एसएमएस भेजकर अपना इस्तीफा ऑफर किया था। इसमें मैंने लिखा था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं ताकि आप अपने हिसाब से इस पद पर किसी योग्य का चयन कर सकें। आपका जवाब मिलने तक मैं इस पद पर काम करता रहूंगा।'
चक्रधर ने कहा, 'अब तक मुझे कोई जवाब नहीं मिला है और न ही हिंदी अकादमी में मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कोई जानकारी दी गई है। मैं यही मानकर चल रहा था कि मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन यह इन्विटेशन कार्ड देखकर यही लगता है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।' उन्होंने कहा कि जिस जगह पर कुमार विश्वास का नाम है, वहां पर उपाध्यक्ष यानी मेरा नाम होता था। चक्रधर ने कहा कि अब उनकी सरकार है, वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन इस्तीफा स्वीकार करने की सूचना मुझे दे दी गई होती तो अच्छा रहता । 

मंगलवार, 7 जनवरी 2014

उर्दू और हिन्दी को मिलाकर विकल्प बनाने का प्रयास

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अंग्रेजी भाषा के बिना काम नहीं चल सकता को मात्र एक भ्रम बताते हुए कहा कि हम अपनी भाषा की बदौलत ज्यादा तरक्की कर सकते हैं इसलिए उर्दू और हिन्दी को मिलाकर विकल्प बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
पटना स्थित प्रेमचंद रंगशाला में मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) के द्वारा आयोजित दो दिवसीय जश्न-ए-उर्दू समारोह का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चलेगा, ऐसा प्रचार किया जाता है पर चुनाव और व्यापार में अंग्रेजी भाषा का नहीं बल्कि अपनी भाषा का ही उपयोग होता है।
उन्होंने कहा कि चीन, फ्रांस और जापान बिना अंग्रेजी भाषा के आगे बढ़ रहे हैं। चीन का विकास दर बिना अंग्रेजी भाषा के इतना ज्यादा है। फ्रांस और जापान टेक्नॉलजी के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ते जा रहे हैं। नीतीश ने कहा कि भाषा जरूर सीखनी चाहिए पर किसी खास भाषा की मजबूरी नहीं होनी चाहिए। हमारी अपनी जुबान में जो ताकत है, उसकी अहमियत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उर्दू हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारी गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। उर्दू और हिन्दी को मिलाकर विकल्प बनाने का प्रयास करना चाहिए।

बुधवार, 1 जनवरी 2014

शुभकामनायें

साथियों,

जो बीत गया , उसे भूल जाने में सकून मिलता है , इसलिए 2013 को भूल जाओ ।

2014 का अभिनंदन , सभी पाठकों को हमारी ओर से  परिवार सहित नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।