सोमवार, 21 जनवरी 2013

हिंदी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, कश्मीरी, तमिल, उर्दू और 12 अन्य विदेशी भाषाओं में परीक्षा देने पर रोक


 ब्रिटेन में ड्राइविंग टेस्ट के लिए प्रवासियों पर हिंदी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, कश्मीरी, तमिल, उर्दू और 12 अन्य विदेशी भाषाओं में परीक्षा देने पर रोक की योजना है, जिसे अगले हफ्ते अमल में लाया जा सकता है। 

ब्रिटेन के परिवहन सचिव पैट्रिक मैकलफलिन ने आदेश जारी किया है कि अंग्रेजी नहीं बोल पाने वाले लोगों को मदद देने वाले शरारती दुभाषियों पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की जाए, जो उन्हें ब्रिटेन का ड्राइविंग लाइसेंस दिलाने के लिए प्रायोगिक और लिखित दोनों परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के जवाब बताते हैं।
 

यह खबर डेली मेल ने दी है। 2009 से परीक्षा में सफल हुए 850 से अधिक लोगों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है, वहीं नौ दुभाषियों पर पाबंदी लगा दी गई है। खबर के अनुसार ब्रिटेन फिलहाल यूरोप में सबसे उदार ड्राइविंग टेस्ट भाषा प्रणाली मुहैया कराता है ताकि आवेदक अंग्रेजी और वेल्स के अलावा 19 भाषाओं में परीक्षा दे सकें।
 

सड़क मंत्री स्टीफन हैमंड ने कहा, 'वाकई सुरक्षा संबंधी इस तरह के खतरे हैं कि लोग अगर भाषा को नहीं समझ सकते तो वे संकेतों और सड़क के अन्य नियमों को नहीं समझ सकते।' उन्होंने कहा कि वह इस महीने इस बारे में परामर्श शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह पैसे बचाने के लिए नहीं किया जा रहा, बल्कि धोखाधड़ी रोकने और सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।' 

मौजूदा नियमों के अनुसार ड्राइविंग परीक्षा देने वाले लोग अगर अंग्रेजी पढ़ नहीं सकते या अंग्रेजी उनकी भाषा नहीं है तो वे 21 भाषाओं में से किसी में वॉइसओवर सुन सकते हैं। जिन 19 विदेशी भाषाओं की अनुमति है उनमें अरबी, फारसी, पोलिश, पुर्तगाली, स्पैनिश, पश्तो और तुर्की आदि भी शामिल हैं।