बुधवार, 17 अप्रैल 2013

अमिताभ बच्चन की हिंदी


अमिताभ बच्चन की हिंदी भाषा पर खासी पकड़ है और उनकी यह खूबी हम सभी बहुत बार देख चुके हैं। हाल ही में उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें इंग्लिश के कुछ पॉप्युलर शब्दों का हिंदी में मतलब समझाया गया है। यकीनन आप भी यह पोस्ट पढ़ना चाहेंगे। नीचे पढ़िए, क्या कहा उन्होंने: कई बार आपको कई शब्दों के ऐसे अर्थ पढ़ने या सुनने को मिलते हैं, जिन्हें पढ़कर या सुनकर आपके चेहरे पर मुस्कुराहट फैल जाती है। ऐसे ही कुछ अंग्रेजी के शब्दों के मजेदार अर्थ आपके सामने हैं। इन्हें पढ़कर जरूर आपके पेट में हंसते-हंसते बल पड़ जाएंगे।

Cricket : गोलगुट्टम लक्कड़ फट्टम दे दनादन प्रतियोगिता
Table Tennis : अष्टकोणी काष्ठ फलक पे ले टकाटक दे टकाटक
Lawn Tennis : हरित घास पर ले तड़ातड़ दे तड़ातड़
Light Bulb : विद्युत प्रकाशित कांच गोलक
Tie : कंठ लंगोट
Match Box : अग्नि उत्पादन पेटी
Traffic Signal : आवन जावन सूचक पट्टिका
Tea : दुग्ध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी
Train : सहस्त्र चक्र लौह पथ गामिनी/ अग्नि रथ
Railway Station : अग्नि रथ विराम स्थल
Rail Signal : लौह पथ आवत जावत लाल रक्त पट्टिका
Button : अस्त व्यस्त वस्त्र नियंत्रक
Mosquito : गुंजनहारी मानव रक्त पिपासु जीव
Cigarette : धूम शलाका
All Route Pass : यत्र तत्र सर्वत्र गमन आज्ञा पत्र

गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

अच्छे भारतीय बनाना है तो अँग्रेजी सीखना आवश्यक



अच्छे भारतीय बनाना है तो अँग्रेजी सीखना आवश्यक है । आज रिक्शे वाला या मजदूर भी पैसा पैसा जोड़कर अपने बच्चों को इंगलिश मीडियम स्कूल में भेजता है । यह एक सच्चाई है । एक नेता ने राजनीति में अपने प्रदेश में बच्चों को हिन्दी पढ़ने का पाठ पढ़ाया लेकिन अपने बच्चे को दूसरे प्रदेश में इंगलिश मीडियम स्कूल में दाखिल कराया । यह बात हमने नहीं , बल्कि मानव संसाधन मंत्री शशि थरूर ने एक  टेलेविजन इंटरव्यू  में कही है । देश को ऐसे नेताओं के बारे में भी सोचना चाहिए । 

सोमवार, 1 अप्रैल 2013

बेहतरीन नाटककार से इतर उनका एक दूसरा पहलू भी था


 अब अगर इस हालिया स्टडी की मानें तो जाने-माने नाटककार विलियम शेक्सपियर टैक्स चोरी करते थे और ब्लैक मार्केटिंग से भी जुड़े थे। खाने-पीने की कमी के दिनों में वह गैर कानूनी तरीके से खाने-पीने की वस्तुओं की जमाखोरी करते थे। इतना ही नहीं, टैक्स चोरी के आरोप में भी वह जेल जाते हुए बाल-बाल बचे।

आबारेटस्टविथ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा हाल ही में करवाई गई स्टडी में यह बात सामने आई है। शेक्सपियर के चाहने वालों के लिए यह भले ही चौंकाऊ खबर हो लेकिन स्टडी में शामिल जेनी आर्कर का कहना है कि बेहतरीन नाटककार से इतर उनका एक दूसरा पहलू भी था। वह एक क्रूर बिजनसमैन थे, जो अपना प्रॉफिट बढ़ाने के लिए दूसरों के हक हलाल करने से भी नहीं चूकते थे। टैक्स बचाने और कमजोर आदमी का लाभ भी वह उठाते थे।

संडे टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिस समय यूरोप में खाने के लाले पड़े हुए थे, उस समय शेक्सपियर के निर्दयी बिजनसमैन वाला व्यक्तित्व सामने आया। जेनी आर्कर ने यह स्टडी यूनिवर्सिटी के हॉवर्ड थॉमस और रिचर्ड टर्ले के साथ मिलकर की है।

टीम को शेक्सपियर के टैक्स और अन्य कागजात कोर्ट से मिले जिनसे पता चला कि वह कई बार कोर्ट में घसीटे गए। उन्हें कई बार गैर कानूनी तौर पर खाने पीने के सामान की जमाखोरी के लिए जुर्माना देना पड़ा। उन्हें टैक्स चोरी के लिए जेल जाने की चेतावनी भी देनी पड़ी। अपनी ऐसी ही गैर कानूनी गतिविधियों के चलते वह 1613 में रिटायरमेंट के वक्त अपने होम टाउन, स्ट्रैटफोर्ट, के सबसे बड़े प्रॉपर्टी ओनर थे।