गुरुवार, 31 जुलाई 2014

जमकर हंगामा

सिविल सेवा ऐप्टिट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पैटर्न में बदलाव की मांग को लेकर यूपीएसी के छात्रों ने बुधवार शाम को जमकर हंगामा किया। धरने पर बैठे छात्रों और समर्थकों ने एक पुलिस बूथ और डीटीसी की एक बस में आग लगा दी। आग की वजह से बूथ में रखे कुछ कागजात जल गए। छात्रों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने मुखर्जी नगर इलाके में धारा-144 लागू कर दी है।
बताया जा रहा है कि सीसैट को लेकर अनशन पर बैठे चार छात्रों समेत दस लोगों को पुलिस ने तबीयत खराब होने की वजह से हिंदूराव अस्पताल में ऐडमिट कराया था। इन छात्रों को वॉर्ड नंबर छह में रखा गया था।
इसी बीच दो छात्र अस्पताल से भागकर फिर से अनशन स्थल पर पहुंच गए और पुलिस के विरोध में कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया। लेकिन जब 9 बजे रात को छात्र कैंडल मार्च करते हुए हिंदूराव अस्पताल की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तो मौके पर तैनात पुलिस बलों ने उन्हें रोका। वहां कहासुनी होने लगी और मामला इतना बढ़ गया कि छात्रों ने पुलिस बूथ में आग लगा दी। मौके पर पहुंचे दो फायर टेंडर ने आग पर काबू पाया।
यूपीएससी में सीसैट का विरोध कर रही अखिलेश सरकार लगता है राज्य लोक सेवा आयोग में इसे हटाने के मूड में नहीं है। 3 अगस्त को होने वाले पीसीएस 2014 के प्री एग्जाम में सी-सैट हटाने के लिए बुधवार को सैकड़ों छात्रों ने आयोग का घेराव किया।
सुबह से यह प्रदर्शन देर शाम तक चला। पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ दर्जनभर छात्रनेताओं को हिरासत में लिया है।

सोमवार, 28 जुलाई 2014

हिंदी बड़ी कूल

हिंदी में लिखने वाली यह नई पीढ़ी हर मायने में उस सेट खांचे से अलग है, जो हिंदी की दुनिया ने गढ़े हैं। इनकी लिखने की शैली अलग है, उनकी कहानियां के पात्र अलग हैं। वे दुनिया को ज्यादा नजदीक से देखते-समझते हैं और फिर उसे ज्यों का त्यों कैनवस पर उतार देने में महारत रखते हैं। वे इस राइटिंग को बेहद कूल मानते हैं। इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री ले चुके दिव्य प्रकाश दुबे कहते हैं कि उन्हें तब बड़ी खुशी हुई, जब अंग्रेजी में लिखने-पढ़ने वाले उनके दोस्तों ने उनकी एक हिंदी किताब पढ़ी और कहा 'हिंदी इज कूल यार, हिंदी की कुछ और किताबें बताओ।'
दरअसल, हिंदी की नई पौध की सबसे बड़ी चुनौती ही है, हिंदी के ऊपर से कूल न होने का टैग हटाना। इन राइटर्स का मानना है कि उन्हें कई बार अहसास हुआ है कि रीडर हिंदी किताब को हाथ में लेकर खुद को अडवांस और कूल नहीं दिखा पाता, जैसा कि अंग्रेजी के रीडर कर पाते हैं। वे मानते हैं कि 'कूल' और 'अनकूल' की यह लड़ाई लंबी है और वे इसे जीत कर रहेंगे

शुक्रवार, 25 जुलाई 2014

सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट का विरोध कर रहे छात्रों ने गुरुवार रात मुखर्जी नगर इलाके में जबर्दस्त तोड़फोड़ की

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट का विरोध कर रहे छात्रों ने गुरुवार रात मुखर्जी नगर इलाके में जबर्दस्त तोड़फोड़ की और बवाल मचाया। 
प्रदर्शनकारी छात्रों ने पत्थरबाजी की और कई गाड़ियों को अपना निशाना बनाया। मिली जानकारी के मुताबिक, छात्रों ने एक बस और पुलिस वैन में आग लगा दी। साथ ही, एक बाइक भी फूंक डाली। पुलिस ने बेकाबू हुए प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। गुस्साए छात्र प्रीलिमनरी टेस्ट (पीटी) को कैंसल किए जाने की मांग कर रहे थे।
 
सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी कर रहे ये छात्र इस बात से नाराज थे कि सरकार की हाल की घोषणा के बावजूद यूपीएससी ने 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों को गुरुवार से ऐडमिट कार्ड जारी करना शुरू कर दिया। जबकि सरकार द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति सिविल सेवा ऐप्टिट्यूट टेस्ट (सीसैट) के पैटर्न को बदलने की परीक्षार्थियों की मांग की स्टडी कर रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों और अन्य भाषाई विद्यार्थियों को समान अवसर मिल सकें।

कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था कि सरकार 2-3 दिन में इस मुद्दे पर फैसला करेगी। सिंह ने यूपीएससी से विद्यार्थियों की मांग के मद्देनजर परीक्षा की तारीख टालने पर विचार करने को कहा था। लेकिन अभ्यर्थियों को जारी किए जा रहे ऐडमिट कार्ड के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 24 अगस्त को ही होगी।

बुधवार, 16 जुलाई 2014

भाषा के आधार पर भेदभाव किए जाने के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित

हिंदी माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा पास करने की चाह रखने वाले उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है. केंद्र सरकार ने परीक्षा के सिस्टम में भाषा के आधार पर भेदभाव किए जाने के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार यूपीएससी परीक्षा के उम्मीदवारों के साथ अन्याय नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि मामले पर विचार करने के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी. उसके बाद ही फैसला हो सकेगा. केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 24 अगस्त, 2014 को आयोजित सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवार सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (सी-सैट) को रद्द करने की लगातार मांग कर रहे थे. 
इसके बाद सरकार ने सिविल सेवा की प्रारंभि‍क परीक्षा फैसला होने तक स्थगित करने का निर्देश दिया.

मंगलवार, 1 जुलाई 2014

एटीएम से जल्द अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी रिसीट

जिन राज्यों में हिंदी बोली जाती है, वहां लगे एटीएम से जल्द अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी रिसीट मिलने लगेंगी। गृह मंत्रालय ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वह बैंकों से ऐसे एटीएम लेने के लिए निर्देश दे, जिनमें इस तरह की सुविधा हो।
इकनॉमिक टाइम्स के पास गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र की कॉपी है, जिसे 25 फरवरी को आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, तब के सेक्रेटरी ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज राजीव टकरू और इंडियन बैंक्स असोसिएशन के चेयरमैन के आर कामत के नाम लिखा गया था। पत्र में कहा गया था कि भविष्य में वही एटीएम लिए जाएं, जिनसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों में रिसीट मिलें। इसके अलावा एटीएम के फॉरेन सप्लायर्स को मौजूदा एटीएम के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करके हिंदी में भी प्रिंटआउट निकालने लायक बनाने के लिए कहा जाए।

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज ने 29 जून को गृह मंत्रालय को जवाब दिया है कि इस बारे में विचार किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'हम इस मामले को देखेंगे। इश्यू यह है कि एटीएम से निकलने वाली रिसीट का प्रिंटआउट उस भाषा में निकले, जिसमें उसका इस्तेमाल हो रहा हो।'
ज्यादातर एटीएम से अंग्रेजी में ही रिसीट निकलती है। भले ही ट्रांजैक्शन हिंदी में किया गया हो। इस मामले में गृह मंत्रालय के कदम उठाने से हो सकता है कि भारतीय बैंकों को एटीएम सप्लाई का काम एक वेंडर कंपनी तक सीमित हो जाए। राजन और टकरू को भेजे गए पत्र में साफ किया गया है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल हो रहे एटीएम मुख्य रूप से तीन एमएनसी- एनसीआर, विनकॉर और डायबोल्ड से सोर्स की जा रही हैं। पत्र में कहा गया है, 'इनमें से दो कंपनियों की मशीनों के सॉफ्टवेयर में हिंदी में प्रिंट करने की सुविधा नहीं है।'
पत्र के मुताबिक यूनियन बैंक ने जो एटीएम डायबोल्ड से ली हैं, सिर्फ उन्हीं में हिंदी के अलावा बांग्ला, तमिल और मलयालम सहित सात क्षेत्रीय भाषाओं में प्रिंट आउट लेने की सुविधा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मंत्रालय को पत्र लिखकर बताया है कि नैशनल कैपिटल रीजन और विनकॉर के एटीएम में यूज होने वाले सॉफ्टवेयर 'बहुत पुराने' हैं और उनसे सिर्फ अंग्रेजी में प्रिंट निकलते हैं। मंत्रालय ने आरबीआई को भेजे पत्र में इस लेटर को नत्थी किया था।
मंत्रालय का कहना है कि इससे सरकार की आधिकारिक भाषा नीति पर विरोधाभासी स्थिति बनती है। गृह मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय, इंडियन बैंक्स असोसिएशन और आरबीआई को भेजे लेटर में लिखा है, 'इस समस्या का मुख्य कारण यह है कि एटीएम के लिए बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले टेंडर में यह नहीं लिखा होता है कि उनको अंग्रेजी के अलावा हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रिंटआउट की जरूरत होगी। केंद्र की आधिकारिक भाषा नीति के मुताबिक बैंकों को ऐसे उपकरण लेने होंगे, जिनमें अंग्रेजी और हिंदी दोनों में काम करने की सुविधा होगी।'