सोमवार, 1 दिसंबर 2008


अमिताभ बच्चन आमतौर पर अपनी भावनाएं अपने ब्लॉग के जरिए ही जाहिर करते हैं। लेकिन रविवार को वह इतने दुखी और उत्तेजित थे कि उन्होंने मुझे एक एसएमएस भेजा। यह एसएमएस उन्हें राज ठाकरे की पत्नी शर्मिला ठाकरे ने भेजा था।
इस एसएमएस में लिखा था - मुंबई हमले में जितने भी लोगों ने शहर को बचाते हुए अपनी जान गंवाई है, वे सब मराठी थे। एमएनएस वर्कर इस वक्त रक्त दान, पुलिस की मदद और शव उठाने में बिजी हैं। इस बात पर अमिताभ बच्चन बेहद खफा हैं। वह कहते हैं कि क्या ये लोग इससे भी नीचे गिर सकते हैं ? जब एनएसजी, आर्मी और नेवी पूरे देश और दुनियाभर के लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं, ये लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं। बिग बी इन नेताओं पर गुस्सा जाहिर करने वाले अकेले नहीं हैं। बुधवार शाम से ही इस तरह के एसएमएस आ रहे थे कि मुंबई पर हक जताने वाले राज ठाकरे कहां हैं।
दूसरी तरफ
नई दिल्लीः मुंबई के आतंकवादी हमले के बाद नेताओं के नाम पर इतनी थू-थू हुई है कि लगता है राजनेता बौखला गए हैं। इसी बौखलाहट में अजीब-ओ-गरीब बयान सामने आ रहे हैं। नया कारनामा बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी का है। नकवी ने मुंबई में राजनेताओं के खिलाफ नारेबाजी कर रहीं कुछ महिलाओं के बारे में कहा कि ये लिपस्टिक-पाउडर लगाकर क्या विरोध करेंगी। नकवी ने इन महिलाओं की तुलना कश्मीर के अलगाववादियों से कर दी। उन्होंने कहा कि नेताओं के विरोध में नारे लगाने वाले ग्रुपों की जांच होनी चाहिए। नकवी के इस बयान पर बीजेपी भी मुश्किल में आ गई है। आनन-फानन में बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने बयान जारी किया कि यह नकवी के अपने विचार हैं और बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन नकवी की यह टिप्पणी कई महिला संगठनों को नागवार गुजरी है और उनका विरोध शुरू हो गया है। विमिंस पावर कनेक्ट की अध्यक्ष रंजना कुमारी ने कहा है कि यह एक मूर्खतापूर्ण बयान है और इस तरह के लोग नेता होने के लायक ही नहीं हैं। रंजना से साफ किया कि इस वक्त जो विरोध हो रहा है वह लोकतंत्र का नहीं बल्कि नेताओं के गैरजिम्मेदाराना रवैये का विरोध है। लिपस्टिक और पाउडर पर कॉमेंट करके ये नेता यही गैरजिम्मेदारी और मूर्खता ही साबित कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: