सोमवार, 24 सितंबर 2012

शपथ समारोह में संसद में बहुत से नेताओं ने अँग्रेज़ी में शपथ ग्रहण


ये मैं नहीं कहता| ये कहते हैं आज के हालत| जानना चाहेंगे कैसे? तो शुरुआत करते हैं हमारे आसपास के माहौल से| आज दिल्ली में कितने माँ बाप होंगे जो अपने बच्चे का दाखिला हिन्दी मध्यम के विधयालयों मे करना पसंद करेंगे? बहुत कम या फिर ना के बराबर|
इसकी वजह साफ है| कोई भी अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य से खेलना नहीं चाहेगा| जिस भाषा का अपना भविष्य ख़तरे मे है वो भाषा किसी का क्या उद्धार कर पाएगी| इसमें हमारी हिन्दी भाषा का दोष नहीं है| ये दोष है हमारी सोच का|
मैं आजतक भारत की आज़ादी के भाषण का हिन्दी अनुवाद डूंड रहा हूँ| जिस देश की आबादी का 80% से ज़्यादा लोगों को अँग्रेज़ी नहीं आती थी उन्हें भी अपनी आज़ादी का संदेश अँग्रेज़ी में सुनना पड़ा| या फिर में ग़लत हूँ| क्यों की मैने जब भी नेहरू जी को सुना टी वी या रेडियो के ज़रिए आज़ादी का भाषण अँग्रेज़ी में सुनाई दिया|
इस बार के शपथ समारोह में संसद में बहुत से नेताओं ने अँग्रेज़ी में शपथ ग्रहण की| इनमे से बहुत से ऐसे थे जो वोट माँगते वक़्त खालिस हिन्दी का प्रयोग कर रहे थे| क्यों भाई जिस भाषा ने वोट दिलाए उसी भाषा में आपको शपथ लेने में क्या शर्मिंदगी महसूस हो रही थी|
नेता हुए अब आते हैं अभिनेताओं की ओर| ऐसे कितने अभिनेता हैं जिन्होने नाम और शोहरत तो हिन्दी फिल्मों से कमाई| मगर जब जब इन्हे समारोहों में बोलने का मौका दिया गया, ये यकायक हिन्दी भूल गए| या फिर शर्म आती है इन्हें भी हिन्दी में अभिवादन करने में|
पिछले ही वर्ष एक अख़बार में पढ़ा कॉलेज के कुछ छात्रों ने कहा अँग्रेज़ी की गाली भी बहुत कूल लगती है मगर कोई हिन्दी में प्यार का इज़हार भी करे तो गाली लगती है|
भारत की राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो यहाँ हर चीज़ जो बिकती है उसमे हिन्दी दूर दूर तक नज़र नहीं आती| अभी हाल ही में मैने धौला कुआँ के मेट्रो स्टेशन के नाम को देखा यहाँ अँग्रेज़ी में उप्पर और हिन्दी को नीचला स्तर दिया गया था| कम से कम जगहों के नाम पहले हिन्दी में फिर किसी और भाषा में लिखे जाते थे| और फिर आइ टी ओ में पुलिस मुख्यालय बड़े बड़े अक्षरों मे लिखा गया है हिन्दी में नहीं अँग्रेज़ी में| मैने इस बात की शिकायत मंत्रालया को की है देखते हैं सरकार क्या कदम उठाती है|
14
सितंबर जिसे हमारी सरकार हिन्दी दिवस के नाम से मनाती है| इसी अवसर पर मेरी तरफ से ये भेंट स्वीकार करे

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