शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

आज यहां हम जिस हिंदी बनाम अंग्रेजी की बहस में उलझे हुए हैं

भाषाओं का संसार बेहद रोचक है। आज यहां हम जिस हिंदी बनाम अंग्रेजी की बहस में उलझे हुए हैं, ये दोनों मूलरूप से एक ही परिवार की सदस्य हैं। हिंदी, रूसी, जर्मन और अंग्रेजी- ये सभी भारतीय-यूरोपीय परिवार की भाषाएं मानी जाती हैं, क्योंकि इनका जन्म एक साथ हुआ है। हालांकि इनके जन्मस्थान को लेकर विवाद रहा है।

पिछले दिनों इस संबंध में एक नई बात सामने आई है, जो वर्तमान धारणा से अलग है। यूनिवसिर्टी ऑफ ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) के जीव विज्ञानी क्वेंटीन एटकिंसन के नेतृत्व में कुछ रिसर्चरों ने एक शोध किया है, जिसके मुताबिक भारतीय-यूरोपीय भाषाओं का जन्म एंटोलिया में हुआ था, जिसे आज तुर्की कहा जाता है। इन रिसर्चरों का कहना है कि करीब 8000 से 9500 साल पहले यहीं से ये सभी भाषाएं पूरी दुनिया में फैलीं। इस स्टडी के लिए एटकिंसन की टीम ने कंप्यूटेशनल तकनीक का सहारा लिया। उन्होंने बीमारियों के प्रसार का अध्ययन करने के साथ 103 प्राचीन और समकालीन भारोपीय भाषाओं की मूल शब्दावली का तुलनात्मक अध्ययन किया। इस अध्ययन में उन्होंने पाया कि अंग्रेजी, स्पेनिश, रूसी, ग्रीक और हिंदी के अनेक शब्द भले ही अलग-अलग सुनाई देते हों, लेकिन इनमें कई समानताएं हैं। जैसे मदर शब्द को जर्मन में मुटर, रूसी में मैट, फारसी में मादर और हिंदी में मातृ कहते हैं। इन सभी का आपस में संबंध है। ये सभी मूल भारोपीय शब्द मेहटर से विकसित हुए हैं।

इसके पहले भाषा विज्ञानियों की मान्यता यह रही है कि भारतीय-यूरोपीय भाषाएं आज से 6000 साल पहले स्टेपीज में विकसित हुईं, जो आज का रूस है। इसके पीछे दलील यह रही है कि चक्के और गाड़ी के लिए इन सभी भाषाओं में एक ही जैसे शब्द हैं। ऐसा इसलिए है कि उस क्षेत्र में रथ या उस जैसी एक गाड़ी तब तक बनाई जा चुकी थी। भाषा विज्ञानी मानते हैं कि स्टेपीज में रहने वाले लोग पशुपालक थे। वे चारे और पानी की तलाश में अपने मूल स्थान से दूसरे क्षेत्रों की ओर बढ़े। और करीब चार हजार साल पहले यूरोप और एशिया के मूल निवासियों पर जीत हासिल कर वहीं बस गए। पर एटकिंसन की थ्योरी के मुताबिक नौ हजार साल पहले भारतीय-यूरोपीय भाषाएं बोलने वाले एंटोलिया के लोग शांतिप्रिय किसान थे, जो खेती का प्रसार करते हुए दुनिया भर में फैले, युद्ध करते हुए नहीं। लगता है, भाषा के जन्म को लेकर चलने वाला विवाद फिलहाल तो खत्म नहीं होने वाला

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