बुधवार, 24 मार्च 2010

बिहार आते हैं तो कोई उनसे हिंदी सीखने को नहीं कहता।'

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के उत्तर भारतीयों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि बिहार में किसी भी बाहरी व्यक्ति को हिंदी सीखने को नहीं कहा गया। बिहार फाउंडेशन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा, 'जब बाहरी लोग बिहार आते हैं तो कोई उनसे हिंदी सीखने को नहीं कहता।' किसी का नाम लिए बिना सिन्हा ने कहा, 'बिहारी पूरी दुनिया में फैले हुए हैं, लेकिन उनका इस तरह का नफरत का रवैया नहीं होता। बिहार के लोगों से अधिक उदार व्यक्ति मिलना मुश्किल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम दूसरों को अपनाते हैं।' राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और हाल ही में उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के टैक्सी चालकों से मराठी सीखने या अपने घरों को लौटने को कहा था। आजादी के बाद बिहार से बाहर के लोगों के उद्योगों में काम करने के लिए राज्य में आने का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा, 'बिहारियों ने कभी उनसे यह नहीं पूछा कि आप कहां से आए हैं।' उन्होंने कहा, 'वे आपसे हिंदी सीखने को नहीं कहते। आज इस प्रकार के खुले दिमाग वाले रवैये की जरूरत है।' सिन्हा ने कहा, 'यदि तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्य तरक्की कर रहे हैं तो ऐसा बिहारियों के योगदान और धन की वजह से हो रहा है।' मुम्बई में बिहारियों की संख्या के बारे में बीजेपी नेता ने कहा, 'मैं हाल ही में एक फिल्म स्टूडियो में गया था, जहां अधिकतर कामगार बिहार से थे।'

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