सोमवार, 18 मई 2009

हिन्दी विरोधी नेताओं को सबक

हिन्दी विरोधी नेताओं को देश की जनता को सबक सिखाना ही होगा । रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के जिस प्रकार से रेलवे में हिन्दी की खिल्ली उडाई ओर अपनी मनमानी के कारण रेलवे में काम कर रहे हिन्दी कर्मचारियों को हतोत्साहित किया , वह जगजाहिर है , कुछ टुच्चे चमचे, जो कि उनकी तथाकथित हिन्दी सलाहकार समिति की सदस्य रहे उन्हें बार बार सुविधा देना और रेल नियमों को ताक पर रखकर हिन्दी का दमन करना श्री लालू की आदत बन गई जिसका परिणाम यह हुआ कि आज लालू आस लगाए बैठे है कि कोई उन्हे बुलाए और वह अपनी साख बचा सकें , पर यह होने वाला नहीं है । जनता ने उन्हे सबक सिखया है ।

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