गुरुवार, 28 अगस्त 2014

हिंदी समेत देवनागरी लिपि वाली 8 भारतीय भाषाओं के लिए डोमेन नाम लॉन्च

भारत सरकार ने हिंदी समेत देवनागरी लिपि वाली 8 भारतीय भाषाओं के लिए डोमेन नाम लॉन्च कर दिया है। अब इंटरनेट पर कोई वेबसाइट अपना नाम देवनागरी लिपि में रखते हुए पीछे .com या .in जैसे डोमेन की जगह .भारत रख सकती है।
जैसे registry.in को वेब ब्राउज़र में रजिस्ट्री.भारत लिखकर भी खोला जा सकता है। अगर आप टाइप न कर सकते हों, तो ब्राउज़र में 'रजिस्ट्री.भारत' कॉपी-पेस्ट करके देख सकते हैं।
अब वेबसाइट के नाम देवनागरी लिपि का इस्तेमाल करने वाली भाषाओं हिंदी, बोडो, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मराठी, नेपाली और सिंधी में रखे जा सकते हैं।
नैशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) के सीईओ गोविंद
 पहले ही बता चुके हैं कि ऐसे हर डोमेन का चार्ज 350 रुपए होगा। सब-डोमेन 250 रुपए में मिलेगा। शुरू के दो महीने में यह उन कंपनियों के लिए होगा, जिनके पास कॉपीराइट या ट्रेड मार्क है। इसके बाद यह सभी के लिए उपलब्ध होगा। डोमेन नाम के पंजीकरण में लगी कंपनियां भी हिंदी स्क्रिप्ट वाले डोमेन नाम का पंजीकरण कर सकती हैं।
टेलिकॉम और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, 'यह पहल केवल 8 भाषाओं पर नहीं रुक जाएगी। मैंने विभाग से कहा है कि .भारत डोमेन सभी भारतीय भाषाओं में जल्द उपलब्ध होना चाहिए।'
इसके लिए NIXI जल्द ही बांग्ला, उर्दू, पंजाबी, तेलुगू, तमिल और गुजराती के लिए डोमेन नाम जारी करेगी।
रवि शंकर प्रसाद ने बताया, 'हम इस साल 60,000 गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुंचा देंगे। अगले साल एक लाख और उसके अगले साल भी एक लाख गांवों तक नैशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए ब्रॉडबैंड पहुंचा दिया जाएगा।' मार्च 2017 तक 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाया जाना है, जिसमें 35,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

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