सोमवार, 1 अप्रैल 2013

बेहतरीन नाटककार से इतर उनका एक दूसरा पहलू भी था


 अब अगर इस हालिया स्टडी की मानें तो जाने-माने नाटककार विलियम शेक्सपियर टैक्स चोरी करते थे और ब्लैक मार्केटिंग से भी जुड़े थे। खाने-पीने की कमी के दिनों में वह गैर कानूनी तरीके से खाने-पीने की वस्तुओं की जमाखोरी करते थे। इतना ही नहीं, टैक्स चोरी के आरोप में भी वह जेल जाते हुए बाल-बाल बचे।

आबारेटस्टविथ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा हाल ही में करवाई गई स्टडी में यह बात सामने आई है। शेक्सपियर के चाहने वालों के लिए यह भले ही चौंकाऊ खबर हो लेकिन स्टडी में शामिल जेनी आर्कर का कहना है कि बेहतरीन नाटककार से इतर उनका एक दूसरा पहलू भी था। वह एक क्रूर बिजनसमैन थे, जो अपना प्रॉफिट बढ़ाने के लिए दूसरों के हक हलाल करने से भी नहीं चूकते थे। टैक्स बचाने और कमजोर आदमी का लाभ भी वह उठाते थे।

संडे टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिस समय यूरोप में खाने के लाले पड़े हुए थे, उस समय शेक्सपियर के निर्दयी बिजनसमैन वाला व्यक्तित्व सामने आया। जेनी आर्कर ने यह स्टडी यूनिवर्सिटी के हॉवर्ड थॉमस और रिचर्ड टर्ले के साथ मिलकर की है।

टीम को शेक्सपियर के टैक्स और अन्य कागजात कोर्ट से मिले जिनसे पता चला कि वह कई बार कोर्ट में घसीटे गए। उन्हें कई बार गैर कानूनी तौर पर खाने पीने के सामान की जमाखोरी के लिए जुर्माना देना पड़ा। उन्हें टैक्स चोरी के लिए जेल जाने की चेतावनी भी देनी पड़ी। अपनी ऐसी ही गैर कानूनी गतिविधियों के चलते वह 1613 में रिटायरमेंट के वक्त अपने होम टाउन, स्ट्रैटफोर्ट, के सबसे बड़े प्रॉपर्टी ओनर थे।

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