सोमवार, 3 जनवरी 2011

डेविड हेडली ने हिंदी में बात की।

डेविड हेडली पाकिस्तान में पैदा हुआ, अमेरिका में बड़ा हुआ, इसलिए वह हिंदी जानता होगा, इसकी शायद ही कभी किसी ने कल्पना की होगी। पर उसने एनआईए टीम को बताया कि 26/11 से पहले उसने मुंबई की रेकी के दौरान कई बार लोगों से हिंदी में बात की। अब वह सोचता है कि ऐसा करके उसने खुद के एक्सपोज होने का जोखिम उठाया था, उसे यह रिस्क नहीं उठाना चाहिए था। हेडली ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह जाली नोट भी भारत लाता था। एक बार उसे मेजर इकबाल नामक साजिशकर्ता ने काफी संख्या में इंडियन फेक करेंसी और 40 हजार पाकिस्तानी रुपये दिए थे। ऐसा कहा जाता है कि यह मेजर पाकिस्तानी आर्मी से जुड़ा हुआ था। हेडली का दावा है कि इसी मेजर इकबाल के कहने पर वह एक बार पुणे गया था। मेजर इकबाल ने एक बार हेडली से कहा था कि वह अगली बार जब मुंबई से वापस पाकिस्तान आए, तो वह एक ऐसी स्पाई पेन ड्राइव उसके लिए लेकर आए, जिसे कैमरे में फिट किया जा सके। मेजर इकबाल हेडली से जब भी पाकिस्तान से मुंबई में कॉल करता था, तो कभी भी पाकिस्तान का नहीं, बल्कि न्यूयार्क का सिम कार्ड यूज करता था।

1 टिप्पणी:

रजनीश यादव ने कहा…

वस्‍तुत: राजभाषा हिंदी का प्रचार प्रसार एक औपचारिकता मात्र बनकर रह गयी है, तथापि केंद्र सरकार के कार्यालयों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक लक्ष्‍मी पुत्र होने के साथ- साथ हिंदी में कतिपय अपना योगदान दे रहे हैं कुछ केंद्रीय विश्‍वविद्यालयो ने राजभाषा अधिकारी के पद निकाले एवं अच्‍छे से अच्‍छे प्रतिभावान प्रतिभागी के उपस्थित होने के बाद भी यह कहकर कि उचित प्रतिभागी नहीं मिले उस पद को भरना अस्‍वीकार कर दिया यह सब केवल दिखावा मात्र बनकर रह गया है, तथापि कभी न कभी किसी सज्‍जन की दृष्टि इस ओर जाएगी और बातों का खुलासा हो सकेगा, यह घटना केंद्रीय विश्‍वविद्यालय कोनी बिलासपुर की है ।
रजनीश यादव