हिन्दी कप्यूट्रिग फाउण्डेशन को भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने भंग करने के आदेश जून २००६ मेंदिए थे, जिसपर संसदीय राजभाषा समिति ने अपना विरोध दर्ज कराया और बार बार रेल के अधिकारियों के पास जाकर तथा इसकी उपयोगिता बताई ।रेल बोर्ड के अध्यक्ष का मोखिक साक्ष्य भी लिया जिसमें जाकर उन्होने इसे जारी रखने का आश्वासन दिया ।
अब रेलवे ने ३० सितम्बर को इसे बहाल कर दिया है और इसकी गतिविधियां पश्चिम रेल के प्रधान कार्यालय पर पूर्व की तरह जारी रखी जा सकेगी ।
ज्ञात्वय है कि हर्ष कुमार नामक अधिकारी जो कि हिनदी का विरोधी है, और हिनदी के नाम पर अब तक अनेकानेक घपले कर चुका है, ने एक चोर उपनिदेशक मोटवानी से मिलकर इसे भंग कराने का प्रयास किया । श्री लालू प्रसाद रेल मंत्री के इलाके में भी इसका विरोध हुआ ।
खुद हिनदी वाले जो बोर्ड में बैठकर हिनदी के नाम पर गलत कार्य करते है, उन्हे ऐसे जनविरोधी कार्य करने से परहेज करना चाहिये ।
सोमवार, 3 नवंबर 2008
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