अच्छे
भारतीय बनाना है तो अँग्रेजी सीखना आवश्यक है । आज रिक्शे वाला या मजदूर भी पैसा पैसा
जोड़कर अपने बच्चों को इंगलिश मीडियम स्कूल में भेजता है । यह एक सच्चाई है । एक नेता
ने राजनीति में अपने प्रदेश में बच्चों को हिन्दी पढ़ने का पाठ पढ़ाया लेकिन अपने बच्चे
को दूसरे प्रदेश में इंगलिश मीडियम स्कूल में दाखिल कराया । यह बात हमने नहीं , बल्कि मानव संसाधन मंत्री शशि थरूर
ने एक टेलेविजन इंटरव्यू में कही है । देश को ऐसे नेताओं के बारे में भी सोचना
चाहिए ।
गुरुवार, 4 अप्रैल 2013
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