भाषा को लेकर भारत मे
आज तक ग़ुलामी की नीतीया ही चल रही है. भारत की भिकारी देश वाली छबि इसलिये ही है.
हिन्दी को राज काज ,पढ़ने
,कानून, की भाषा नही बनाना देश
की उन्न्नति मे सबसे बड़ा रोडा है. आपनी भाषा मे ही मौलिक चिंतन हो सकता है.
विदेशी भाषा मे किसी देश ने उन्नति नही की है. चाइना,जापान,रूस,फ़्राँस,जर्मनी,.......सभी आपनी भाषा से आगेबढे है. विदेशी भाषा वाला देश नकलची और भिकारी ही
रहता हे.भारत मे जब तक अंग्रेज़ी रहेगी देश ग़ुलामी ढोतारहेग.वार्त्मान आजादी
ग़ुलामी पर शक्कर् चडी गोली की तरह ही जिसकी चासनी अब खतम हो गयी है और ग़ुलामी की
कड़वाहट आने लगी है. इसका मूल कारण आपनी भाषा का रास्ट्र भासा नही होना है
शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012
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