यह सत्य है कि घर की मुर्गी दाल बराबर । वास्तव में यह भारत में भाषा के मामले में तो सही लगता है । यहां पर भाषा के नाम पर इतना अधिक खर्च होने के बावजूद भारतीय भाषाएं कहीं भी नजर नहीं आतीं । परन्तु भारत से अधिक भारतीय भाषाओं की चिन्ता है अमेरिका में रह रहे भारतीयों को जो न केवल अपनी संस्कृति और भाषा को अपने बच्चों को सिखाते है वरन् मनोरंजन के लिए भी अपना भाषा के कवि सम्मेलन आदि को आयोजन प्रति वर्ष करते है । अमेरिका के प्रान्त ड्रेट्रियाट में रहने वाली सुजाता जैन ने बताया कि वहां प्रति वर्ष कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के कवि उसमें भाग लेते है । उन्होंने वहां पर अपनी एक एसोसिएशन भी बनाई है जिएमें वे सब मिलते जुलते है और भारतीय त्यौहार ओर भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए कार्य करते है । अभी शनिवार को ही वहां पर एक भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कई प्रमुख कवि भाग ले रहे है । हमारीओर से आप सभी को बधाई और अभिनन्दन ।
शुक्रवार, 1 मई 2009
भाषा के विषय में अमेरिकी अधिक संवेदनशील
यह सत्य है कि घर की मुर्गी दाल बराबर । वास्तव में यह भारत में भाषा के मामले में तो सही लगता है । यहां पर भाषा के नाम पर इतना अधिक खर्च होने के बावजूद भारतीय भाषाएं कहीं भी नजर नहीं आतीं । परन्तु भारत से अधिक भारतीय भाषाओं की चिन्ता है अमेरिका में रह रहे भारतीयों को जो न केवल अपनी संस्कृति और भाषा को अपने बच्चों को सिखाते है वरन् मनोरंजन के लिए भी अपना भाषा के कवि सम्मेलन आदि को आयोजन प्रति वर्ष करते है । अमेरिका के प्रान्त ड्रेट्रियाट में रहने वाली सुजाता जैन ने बताया कि वहां प्रति वर्ष कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के कवि उसमें भाग लेते है । उन्होंने वहां पर अपनी एक एसोसिएशन भी बनाई है जिएमें वे सब मिलते जुलते है और भारतीय त्यौहार ओर भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए कार्य करते है । अभी शनिवार को ही वहां पर एक भव्य हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कई प्रमुख कवि भाग ले रहे है । हमारीओर से आप सभी को बधाई और अभिनन्दन ।
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