करोड़ों रुपये के एजुकेशन घोटाले में जांच के घेरे में आई
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को पुलिस ने नोटिस भेजा है। गड़चिरौली क्राइम ब्रांच के
प्रभारी इंस्पेक्टर रवींद्र पाटील ने सोमवार को एनबीटी को यह जानकारी दी। श्री
पाटील ने कहा कि उनकी अब तक की जांच में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति से जुड़े लोगों
की भूमिका सवालों के घेरे में है इसलिए पुलिस ने इस केस ने उन्हें नोटिस भेजा है।
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति से जुड़े जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पुलिस का ऐक्शन उनसे
आगे की पूछताछ के बाद लिया जाएगा।
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति पर पुलिस
का आरोप है कि उसने यूजीसी से जिन टेक्निकल कोर्स की परमिशन पांच साल के लिए मांगी
थी, उनकी फ्रेंजाइजी उसने राष्ट्रभाषा
प्रचार समिति ज्ञान मंडल को दे दी थी। ऐसा करना अवैध है। पुलिस राष्ट्रभाषा प्रचार
समिति के पदाधिकारियों के अलावा ज्ञान मंडल और इंडियन नॉलेज कार्पोरेशन के कुछ
लोगों से भी पूछताछ करनेवाली है। इस केस में अब तक पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार
कर चुकी है। रवींद्र पाटील के अनुसार, कुछ
और अहम गिरफ्तारियों के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में पुलिस की टीमें भेजी
गई हैं।
पुलिस की जांच में अब तक एक पूर्व
मंत्री और एक पॉवरफुल महिला के बेहद करीबी व्यक्ति का नाम भी सामने आया है, पर गडचिरौली पुलिस ने अभी इस बारे
में पत्ते नहीं खोले हैं कि इन लोगों से वह कब पूछताछ करेगी। कई लोगों का मानना है
कि राज्य सरकार संभव है यह केस स्टेट सीआईडी को ट्रांसफर कर दे।
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